भोपाल में आज, 31 मई 2025 को, लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर एक भव्य महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और विभिन्न महिला सशक्तिकरण पहलों की शुरुआत की ।
देवी अहिल्या सम्मान और अन्य प्रमुख घोषणाएँ
- राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई सम्मान: प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक कला में उत्कृष्ट योगदान देने वाली एक महिला कलाकार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया ।
- स्मारक डाक टिकट और सिक्का विमोचन: देवी अहिल्याबाई की स्मृति में एक विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया, जो उनके योगदान को सम्मानित करता है ।
- देवी अहिल्याबाई नारी शक्ति मिशन: इस नई पहल का उद्देश्य महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पोषण और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। मिशन के तहत बालिका लिंगानुपात में सुधार, मातृ मृत्यु दर में कमी, बाल विवाह की रोकथाम और महिला रोजगार में वृद्धि जैसे लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं |
- विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
- इंदौर मेट्रो सेवा: प्रधानमंत्री मोदी ने इंदौर मेट्रो की सेवा का वर्चुअल उद्घाटन किया, जिससे शहर के नागरिकों को आधुनिक परिवहन सुविधा प्राप्त होगी ।
- सतना और दतिया हवाई अड्डे: दोनों नए हवाई अड्डों का वर्चुअल लोकार्पण किया गया, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा ।
- क्षिप्रा नदी पर घाट निर्माण: उज्जैन में क्षिप्रा नदी पर 30 किलोमीटर लंबे घाटों के निर्माण की आधारशिला रखी गई, जो 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारी का हिस्सा है ।
महिलाओं की भागीदारी और आयोजन की विशेषताएँ
- इस महासम्मेलन में लगभग 2 लाख महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें महिला उद्यमी, कामगार, स्वयं सहायता समूह की सदस्याएं और ‘लाड़ली बहना योजना’ से जुड़ी महिलाएं थीं ।
पूरे आयोजन की व्यवस्थाएं महिलाओं द्वारा ही संभाली गईं, जिसमें मंच संचालन, सुरक्षा और तकनीकी प्रबंधन शामिल थे ।
चार प्रेरणादायी महिलाओं—ज्ञानेश्वरी देवी, प्राची यादव, सरपंच आरती पटेल और मीनाक्षी ठाकले—ने मंच पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया, जो महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में देखा गया ।
प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “नारी शक्ति का अपमान करने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है,” और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अब तक का सबसे सफल अभियान बताया, जो महिलाओं की शक्ति और साहस का प्रतीक है ।
यह आयोजन न केवल देवी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत को सम्मानित करता है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।